अहंकार मत कर किसी को कुछ भी देकर,,, क्या पता तू दे रहा है, या पिछले जन्म का कर्ज़ चुका रहा है!

अहंकार मत कर किसी को कुछ भी देकर,,, क्या पता तू दे रहा है, या पिछले जन्म का कर्ज़ चुका रहा है!

नारी जब तक प्यारी लगे, जब तक वो बेचारी लगे, खोले जुबां जो अपने हक़ में, तेज़ धार वाली आरी लगे!!

नारी जब तक प्यारी लगे, जब तक वो बेचारी लगे, खोले जुबां जो अपने हक़ में, तेज़ धार वाली आरी लगे!!